शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड क्या है | Low Duration Mutual Funds के फायदे

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड (Low Duration Mutual Funds) फंड ओपन-एंडेड Debt फंड हैं जो मार्केट में निवेश करते हैं

कम समय अवधि के फंड में तीन बड़े जोखिम होते हैं, जैसे की ब्याज दर का जोखिम (interest rate risk), liquidity risk और क्रेडिट जोखिम (credit risk)

SEBI (सेबी) के वर्गीकरण मानदंडों और युक्तिकरण के अनुसार, debt को 16 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यह वर्गीकरण निवेशकों की पसंद को आसान बनाने के लिए समय अवधि और रणनीति (strategy) पर आधारित होते है जो नए निवेशक के लिए भी उपयोगी बनता है। इस आर्टिकल में, हम शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड (Low Duration Funds) के प्रकार और उसमे सामिल विभिन्न कारकों (factors) का पता लगाएंगे, जिस पर आपको निवेश करने से पहले विचार करने की आवश्यकता होगी।

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड क्या है? | What is Low Duration Mutual Funds?

लो ड्यूरेशन फंड एक ओपन-एंडेड Debt फंड हैं जो debt सिक्योरिटीज और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता हैं। सेबी (SEBI) के नियमों के अनुसार, कम समय अवधि के फंड को 6 से 12 महीने के बीच फंड की समय अवधि को बनाए रखनी होती है। इसका मतलब यह है कि कम अवधि के फंड केवल short-term debt securities में निवेश करने की संभावना रखते हैं और जो अपेक्षाकृत कम ब्याज दर का जोखिम रखते हैं।

लो ड्यूरेशन फंड कहां निवेश करते हैं?

low duration funds द्वारा debt एसेट हेल्ड के प्रकार या क्रेडिट गुणवत्ता पर कोई सीमा नहीं है। इसलिए, ये फंड हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे आरईआईटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्मेंट सिक्योरिटीज, परमिटेड डेरिवेटिव, सिक्योरिटाइज्ड डेट, मनी मार्केट सिक्योरिटीज, या अन्य म्यूचुअल फंड यूनिट सहित कई तरह की सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड कैसे कमाते हैं? | How do Low Duration Funds earn?

शॉर्ट टर्म के फंड अपनी debt सिक्योरिटीज से ब्याज के साथ-साथ केपीटल गेन से भी कमाते हैं। ये फंड अपनी संपत्ति का एक हिस्सा AA या उससे कम की क्रेडिट रेटिंग वाले बॉन्ड में रखते हैं, जो अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दरों का भुगतान करते हैं। ये फंड हाई रिटर्न देने के लिए कुछ क्रेडिट रिस्क लेते हैं, और इनमें केपीटल गेन प्राप्त करने की क्षमता भी होती है।

जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तब फंड मैनेजर नए बॉन्ड पर उच्च ब्याज दर अर्जित करते हुए केपीटल लोस को कम करने के लिए उसकी अवधि में कटौती करते हैं। जब ब्याज दर में गिरावट आती हैं तब फंड की कीमत को बढ़ाने के लिए फंड को लॉन्ग meturity बोंड के संपर्क में push करते हैं। इस प्रकार, नए बोंड पर ब्याज के इनकम की हानि मौजूदा बोंड मूल्यों पर केपीटल के लाभ से काफी कम है। वे रिटर्न प्राप्त करने के लिए ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट जोखिम दोनों के आधार पर रणनीतियों का उपयोग करते हैं।

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Low Duration Mutual Funds में किसे निवेश करना चाहिए?

जिन निवेशकों की निवेश करने की क्षमता तीन महीने या उससे अधिक और कम जोखिम लेने की है, वे लोग कम अवधि के फंड में निवेश कर सकते हैं। यह निवेशकों को ब्याज आय केपीटल गेन और इंटरेस्ट earnings के संयोजन के माध्यम से नियमित इनकम प्रदान करते हैं। यह फंड बैंक के बचत खातों में पड़े पैसे को idle रखने के लिए भी एक अच्छा विकल्प हैं क्योंकि वे बेहतर हाई मार्केट और लिक्विडिटी से जुड़े रिटर्न की पेशकश करते हैं।

Low Duration Mutual Funds के फायदे | Advantages of Low Duration Funds

मध्यम जोखिम (Moderate Risk):

कम अवधि के फंड में ब्याज दर जोखिम मध्यम स्तर का होता है। ये फंड आमतौर पर 1-1.5 साल से अधिक की meturity वाली सिक्युरीटी होल्ड पर नहीं रखते हैं।

उच्च रिटर्न (Higher Returns):

लो ड्यूरेशन फण्ड समय अवधि के जोखिम और अच्छे क्रेडिट की अनुमति देते हैं; इसलिए, आमतौर पर वह लिक्विड फंडों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। क्योंकी वह लंबी परिपक्वता बोंड (longer maturity bonds) धारण करके उच्च केपीटल गेन का लाभ अर्जित कर सकते हैं, वे अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन के फंडों को भी मात दे सकते हैं। इन फंडों का औसत रिटर्न 6.5 से 8.5 फीसदी के बीच में होता है।

एक्सपेंस रेश्यो (Expense Ratio)

लो ड्यूरेशन के फंड में निवेश करते समय expense ratio आपके प्रोफिट को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वह शुल्क है जो फंड हाउस फंड मेनेजमेंट सेवाओं के लिए लेता है। अपने मुनाफे को ज्यादा बढाने के लिए कम expense ratio वाली योजनाओं की तलाश करें।

अस्थिरता (Volatility):

ये फंड सभी debt फंडों में सबसे कम अस्थिर होते हैं। अगर किसी फंड की ड्यूरेशन प्रोफ़ाइल में वृद्धि होती है उसके के साथ इसकी अस्थिरता भी बढ़ जाती है।

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टैक्स लगाना (Taxation)

छोटी अवधि के फंड एसटीसीजी (STCG ) को आकर्षित करते हैं यदि होल्डिंग अवधि तीन साल से कम है और लागू आयकर स्लैब के अनुसार taxable है। जब होल्डिंग अवधि तीन साल से अधिक हो, तो इंडेक्सेशन लाभ के साथ एलटीसीजी पर 20% टैक्स लगाया जाता है।

जोखिम और रिटर्न (Risks and Returns)

शोर्ट टर्म म्यूच्यूअल फण्ड में तीन प्रकार के जोखिम होते हैं, जैसे की ब्याज दर का जोखिम, क्रेडिट का जोखिम और लिक्विडिटी का जोखिम। यदि कोई निम्न-गुणवत्ता वाली debt securities हैं, तो जोखिम को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, कम अवधि के फंड सक्रिय रूप से रिटर्न उत्पन्न करने के लिए अवधि का प्रबंधन करते हैं; इसलिए, फंड की कीमत मार्केट की अस्थिरता के अधीन हैं। उन सिक्युरीटी का विश्लेषण करने के लिए फंड के पोर्टफोलियो की अच्छे के जांच करें जिनमें फंड ने निवेश किया है। औसतन, आप उम्मीद कर सकते हैं कि कम अवधि के फंड 6.5 और 8.5% के बीच कहीं भी रिटर्न दे सकते हैं।

एक निवेशक तब सफल होता है जब उसकी निवेश योजनाएं वास्तव में उसके निवेश की क्षमता, निवेश के लक्ष्यों और जोखिम की वरीयता पर आधारित होती हैं। चाहे आप नियमित इनकम के लिए कम अवधि के फंड में निवेश करें या अपने बचत खाते में पड़े निष्क्रिय फंड पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए करे. आपकी प्लानिग को अपने लक्ष्यों से मेल खाना चाहिए। बेहतर दिशा-निर्देशों के लिए अपने वित्तीय सलाहकार(financial advisor) से सलाह लें।

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