Cheapest Home Loan : सस्ता होम लोन कैसे प्राप्त करें?

कुछ सालो पहले किसी व्यक्ति के लिए घर खरीदना एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी. सबसे सस्ता होम लोन कैसे प्राप्त करें? यह सवाल हर कोई लोन धारको को सताता रहता है. आज कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के आने से परिस्थितीया अब बदल गई है. ऑनलाइन में उपलब्ध ओप्सन के साथ होम लोन के लिए आवेदन करना बहुत आसान हो गया है. जिसने आवेदन (application) करने की प्रक्रिया को एकदम सरल बना दिया है.

हालांकि पुनर्भुगतान (repayment) और ब्याज दर की रकम आपको होम लोन को लेने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर सकती है, लेकिन कुछ विकल्प ऐसे भी हैं जिनका उपयोग करके आप लोन के बोझ को काफी कम कर सकते हैं. यह जानने के लिए इस आर्टीकल को पढ़ें जिसमे सस्ता होम लोन पाने के लिए आप कौन से बेस्ट संभव तरीके से ले सकते हैं.

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सस्ता होम लोन कैसे प्राप्त करें?

सबसे सस्ता लोन प्राप्त करने के तरीके –

क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस)

भारत सरकार ने जून 2015 में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए घर की खरीद, विस्तार, repayment, सुधार और निर्माण के लिए ब्याज में सब्सिडी योजना शुरू की है.

6 लाख से 18 लाख रुपये के बीच वार्षिक इनकम पाने वाले होम खरीदने वाले लोग अपने होम लोन पर 2.35 लाख तक की बचत कर सकते हैं. खरीदार इस योजना के तहत 4% तक की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं और मासिक ईएमआई पर काफी बचत कर सकते हैं.

होम लोन पर सब्सिडी का क्लेम कैसे करें?

लोन के लिए पात्र आवेदक सीधे ऋणदाता (lender) को आवेदन कर सकते हैं और ब्याज सब्सिडी का भुगतान आपके बैंक खाते में एक बार में किया जाएगा. इसे ऑनलाइन या होम लोन देने वाली शाखाओं में आवेदन किया जा सकता है. बैंक नेट प्रेजेंट वेल्यु की राशि उधारकर्ता (borrower’s) के खाते में अग्रिम रूप से जमा करता है जो लोन की राशि को कम करने में मदद करता है. आवेदक को पहली बार घर खरीद करेने वाला होना चाहिए और ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ उठाने के लिए उसके पास पहले से कोई घर नहीं होना चाहिए.

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अपनी ईएमआई (EMI) को चुनना

संपत्ति की कीमत सभी मामलों में समान रहेगी. जब आप होम लोन की ब्याज दर के खर्च को कम कर सकते हैं तब होम लोन सस्ता हो जाता है. यदि आपके होम लोन की समय अवधि 30 वर्ष राखी है, तो आपको ब्याज के रूप में लोन की राशि के दो गुने से अधिक का भुगतान करना पड़ सकता है. इसलिए, अधिक ईएमआई चुनने से आपको ब्याज खर्च (interest outgo) में कमी करने में काभी मदद मिलेगी.

आप प्रीपेमेंट या पार्ट-प्रीपेमेंट करके भी अपनी ईएमआई कम कर सकते हैं. ज्यादातर बैंक पार्ट-प्रीपेमेंट करने पर कोई जुर्माना नहीं लगाते हैं. इसलिए जैसे-जैसे आपकी इनकम बढ़ती है, आप लोन की राशि और ब्याज के भुगतान को कम करने के लिए पार्ट-प्रीपेमेंट कर सकते हैं.

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होम लोन बैलेंस ट्रांसफर

आरबीआई ने बेस रेट को बदलने के लिए अप्रैल 2016 में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पेश किया है. इसमे अंतर यह है कि एमसीएलआर को मासिक रूप से रिसर्च किया जाता है जबकि बेस रेट को तिमाही (quarterly) में रिसर्च किया जाता है. एमसीएलआर को घर खरीदारों को अधिकतम लाभ पहुंचाने, ब्याज को चुकाने के बोझ को कम करने के लिए दिया गया था.

अगर किसी व्यक्ति ने अप्रैल 2016 से पहले बेस रेट पर होम लोन लिया था, तो वह कम ब्याज दर की पेशकश करते हुए उसी बैंक या किसी अन्य बैंक के साथ मौजूदा एमसीएलआर सिस्टम में स्विच कर सकता है. बैंक के अंदर बेस रेट से एमसीएलआर में ट्रांसफर करने से आपको प्रोसेसिंग और डॉक्यूमेंटेशन फीस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है. लेकिन अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने पर एडिसनल कोस्ट लगेंगी, जिनका मूल्यांकन (evaluate) और गणना करनी चाहिए कि क्या ट्रांसफर करना फायदेमंद है.

घर खरीदना एक बहुत जिम्मेदारी भरा और बड़ा निवेश है जिसके लिए सही संपत्ति और ऋणदाता (lender) चुनने के लिए एक अच्छी योजना की आवश्यकता होती है. अपने होम लोन को सस्ता बनाने के लिए हर विकल्प के बारेमे ध्यान से रिसर्च करे.

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