म्यूचुअल फंड स्कीम में Nomination करना क्यों जरूरी है और नॉमिनेशन कैसे करते है?

नॉमिनेशन क्या है?

Nomination एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड स्कीम में यूनिटधारक किसी अन्य व्यक्ति या एक से ज्यादा व्यक्ति (अधिकतम तीन) को उसकी मृत्यु के मामले में सभी यूनिट्स पर दावा (claim) करने के लिए नॉमिनेट करता है.

जब एक से ज्यादा व्यक्तियों यानि संयुक्त रूप से खरीदी गई यूनिट्स की स्थिति होती है, तो सभी यूनिट्स धारकों (unit holders) को एक ऐसे व्यक्ति को नॉमिनेट करने के लिए कहा जाता है, जिसे सभी संयुक्त यूनिट्स धारकों की मृत्यु होने पर सभी यूनिट्स को ट्रान्सफर कर दिया जाएगा. सेबी म्यूचुअल फंड विनियम, 1996 के विनियम 29 ए की चौथी अनुसूची के तहत किसी व्यक्ति को नोमिनेट करने की सिफारिश की गई है.

अक्सर लोग विल (Will) और नॉमिनेशन के बीच भ्रमित हो जाते हैं, और सोचते हैं कि इन्हें एक-दूसरे से बदला जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है. विल मृत व्यक्ति की संपत्ति के मालिक होने का अधिकार देता है, जबकि नोमिनेशन केवल नोमिनेट व्यक्ति को संपत्ति ट्रांसफर की जाती है, जहां नॉमिनी को उन संपत्तियों के मालिक होने का अधिकार नहीं देता है. इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, आइए एक उदाहरण लेते हैं.

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मान लीजिए कि, एक निवेशक कमल है. जिसने म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया है, और उसने अपने भाई को पोर्टफोलियो में उसके द्वारा निवेश की सभी यूनिट्स के लिए नॉमिनी (nominee) बनाया है. हालांकि, अपनी वसीयत में उन्होंने अपनी पत्नी को म्यूचुअल फंड यूनिट्स का कानूनी वारिस बनाया है.

दुर्भाग्य से, उनकी मृत्यु हो गई, और इस मामले में, म्यूचुअल फंड हाउस नॉमिनी व्यक्ति यानी उसके भाई को पैसा ट्रान्सफर कर देगा, जो केवल पैसे लेगा, लेकिन वह उनके मालिक होने का हकदार नहीं है. उसका भाई यूनिट्स के ट्रस्टी के रूप में काम करेगा और यूनिट्स को कानूनी उत्तराधिकारी (legal heir) को ट्रान्सफर करेगा अर्थात कमल की पत्नी को.

कमल की पत्नी के पास पोर्टफोलियो में रखी गई यूनिट्स का मालिकाना हक्क होगा. यदि कमल ने कोई वसीयत नहीं की है, तो यूनिट्स/संपत्ति/पैसो का वितरण भारतीय सक्सेशन अधिनियम के अनुसार किया जाएगा.

अगर आप सोचते है की, हमको नॉमिनेशन की जरूरत क्यों है? मेरी वसीयत नोमिनेशन की प्रक्रिया का स्थान लेगी. लेकिन सच्चाई यह है कि नॉमिनी /कानूनी उत्तराधिकारी को, पैसे की परेशानी मुक्त ट्रान्सफर के लिए आपको दोनों की आवश्यकता है.

विल मृत व्यक्ति की इच्छा के अनुसार कानूनी उत्तराधिकारी को पैसो का आसान और सुगम ट्रान्सफर सुनिश्चित करता है. जबकि नॉमिनेशन से नॉमीनी के खाते में म्यूचुअल फंड यूनिट्स का आसानी से ट्रान्सफर हो सकेगा. भविष्य में कानूनी विवाद से बचने के लिए नॉमिनी और कानूनी उत्तराधिकारी समान होने पर यह फायदेमंद होगा.

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म्यूचुअल फंड स्कीम में Nomination करना क्यों जरूरी है?

नॉमिनेशन एक बहुत ही सरल और सस्ती प्रक्रिया है. जिससे किसी के करीबी और उसके द्वारा म्यूचुअल फंड, डीमैट खाते (demat account) या बैंक खाते में उसके मृत्यु के बाद कम कागजी कार्यवाई के साथ उसके द्वारा निवेश किए गए पैसो का क्लेम करना आसान हो जाता है.

कल्पना कीजिए कि, किसी निवेशक ने कई अलग-अलग म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश नहीं किया है लेकीन किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है. इस व्यक्ति की समय से पहले मृत्यु हो जाने पर, पैसो के सेटलमेंट में जितना प्रयास किया जाएगा, वह एकदम कष्टदायी और थकाऊ होगा.

इसलिए, मृत व्यक्ति के खाते से नॉमीनी के खाते में पैसो का सुचारू रूपसे ट्रान्सफर के लिए नॉमिनेशन बहुत ही जरूरी है. नॉमिनेशन के बिना कानूनी वारिस को पैसो का सेटलमेंट करने के लिए मुश्किल कागजी कार्यवाई से गुजरना होगा.

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म्यूचुअल फंड मे नॉमिनेट करने का अधिकार किसे है?

नोमिनेशन की सुविधा केवल इंडिविजुअल व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है. सेबी ने पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर को नॉमिनेट करने पर रोक लगाई है. नाबालिग (minor) की तरफ से म्यूचुअल फंड यूनिट में माता-पिता निवेश कर सकते है लेकिन नॉमिनेट नहीं कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड मे किन लोगो को नॉमिनेट किया जा सकता है?

यूनिट धारक परिवार के सभ्यों, दोस्तों और भरोसेमंद किसी भी व्यक्ति को नॉमिनेट कर सकता है. यहां तक ​​कि यूनिटधारक की मृत्य के मामले में एक नाबालिग को भी यूनिट्स का क्लेम करने के लिए नॉमिनी बनाया जा सकता है.

हालाँकि, नाबालिग के माता-पिता तब तक क्लेम ओनर होंगे जब तक कि नाबालिग 18 वर्ष का नहीं हो जाता. निवेशकों के पास एक से ज्यादा नॉमिनी चुनने का विकल्प भी है, और वे यूनिट्स का प्रतिशत तय कर सकते हैं, जिन्हें कई नॉमिनी को ट्रांसफर किया जाएगा. यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि नया नॉमिनेशन करते समय पुराना नॉमिनेशन अपने आप ख़तम हो जाएगा.

म्यूचुअल फंड मे कौन नॉमिनी नहीं बन सकता है?

AMFI के अनुसार, कंपनी/कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), ट्रस्ट (धार्मिक या धर्मार्थ ट्रस्ट के अलावा), सोसाइटी आदि को छोड़कर कोई भी व्यक्ति नॉमीनी हो सकता है.

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म्यूचुअल फंड स्कीम में नॉमिनेशन कैसे करते है?

नॉमिनेशन की प्रक्रिया

म्यूचुअल फंड योजनाओं की यूनिट्स की सदस्यता (subscribing) लेते समय, म्यूचुअल फंड निवेशकों को नॉमिनेशन फॉर्म देते हैं. निवेशक नॉमिनेशन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां दे सकते हैं. निवेशकों के पास या तो शुरुआती (initial) खरीदारी के समय या बाद की समय अवधि में नॉमिनेट करने का विकल्प होता है.

इसके अलावा, यूनिटधारक किसी भी समय नॉमीनी को बदल सकते हैं. कानूनी तौर पर नॉमिनी बदलने की कोई लीमीट नहीं है. एक निवेशक उनमें से प्रत्येक को यूनिट्स के स्पष्ट एलोकेशन के साथ ज्यादा से ज्यादा तीन व्यक्तियों को नॉमिनेट कर सकता है. क्योंकि, यदि एलोकेशन स्पष्ट रूप से स्पेसिफाय नहीं है, तो एएमसी (AMC) को नॉमिनी के बीच समान रूप से पैसो को वितरित करने का अधिकार है.

नॉमिनेशन फॉर्म पर निवेशक का हस्ताक्षर होना जरूरी है. यदि यूनिट्स की संयुक्त रूप (jointly) से खरीदी की जाती हैं, तो सभी यूनिट धारकों को नॉमिनेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी, खाते के संचालन के तरीके के बावजूद (अर्थात, ‘संयुक्त रूप से’ या ‘किसी के द्वारा या उत्तरजीवी (survivor)’ द्वारा.

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डीमैट (इलेक्ट्रॉनिक) मोड से खरीदी गई यूनिट्स के लिए कौनसी प्रक्रिया है?

यदि यूनिट धारक एक डिपॉजिटरी के साथ डीमैट (इलेक्ट्रॉनिक) मोड में म्यूचुअल फंड यूनिट रखता है, तो यूनिट धारक द्वारा डिपॉजिटरी को दी गई नॉमिनेशन डिटेल्स डीमैट मोड में खरीदी गई म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर लागू होगी. किसी भी तरह के नॉमिनेशन, जिसमें किसी भी बदलाव, substitution या कैंसलेशन शामिल हैं, डिपॉजिटरी के नियमों और उपनियमों (byelaws) द्वारा शासित होंगे.

यूनिटधारक की मृत्यु के बाद पैसे लेनी की प्रक्रिया

यूनिट्स का ट्रांसमिशन (Transmission) एक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से मृत निवेशक द्वारा खरीदी गई यूनिट्स या तो नॉमीनी को या मृत निवेशक के कानूनी उत्तराधिकारियों को ट्रान्सफर कर दी जाती हैं.

एक यूनिटधारक की मृत्यु के बाद पैसो का क्लेम करने के लिए, नॉमिनी को नीचे दिए गए फॉर्म / फोर्मेट और जरूरी दस्तावेज देने होंगे:

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एकेले या सभी यूनिटधारकों की मृत्यु के मामले में रजिस्टर्ड नॉमिनी को यूनिट्स का ट्रांसमीशन

  • नॉमिनी के पक्ष में यूनिट्स के ट्रांसमिशन के लिए फॉर्म टी 3 (Form T3).
  • नोटरी पब्लिक या राजपत्रित (Gazetted) अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) – ओरिजिनल या फोटोकॉपी.
  • यदि नॉमिनी नाबालिग है तो जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) की नक़ल.
  • नॉमिनी के पैन कार्ड की नक़ल.
  • यदि नॉमीनी नाबालिग है तो अभिभावक (Guardian) के पैन कार्ड की कोपी.
  • यदि KYC कम्प्लीट नहीं है तो केवाईसी रिसीप्ट या जीवित यूनिट धारक (धारकों) का केवाईसी फॉर्म .
  • नॉमिनी के नाम के साथ 1 कैंसिल चेक या बैंक स्टेटमेंट या पासबुक जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो.

 दूसरे और/या तीसरे धारक की मृत्यु के मामले में मृत यूनिट्स धारकों के नाम हटाना

  • जीवित यूनिट धारक(धारकों) से फॉर्म टी1 (Form T1) जो मृतक दूसरे और/या तीसरे धारक के नाम को हटाने का अनुरोध करता है.
  • नोटरी पब्लिक या राजपत्रित (Gazetted) अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) – ओरिजिनल या फोटोकॉपी.
  • यदि KYC का कम्प्लीट नहीं है, तो केवाईसी की रिसीप्ट या जीवित यूनिट धारक (धारकों) का केवाईसी फॉर्म.

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जहां कोई नॉमिनी रजिस्टर्ड नहीं होने के मामले मे, एक यूनिटधारक या सभी यूनिटधारकों की मृत्यु पर दावेदार (ओं) को यूनिट्स का ट्रांसमिशन

  • दावेदार (ओं) के पक्ष में यूनिट्स के ट्रांसमिशन के लिए फॉर्म नं T3 (Form T3).
  • नोटरी पब्लिक या राजपत्रित (Gazetted) अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) – ओरिजिनल या फोटोकॉपी.
  • यदि नॉमिनी नाबालिग है तो जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) की नक़ल.
  • यदि नॉमीनी नाबालिग है तो अभिभावक (Guardian) के पैन कार्ड की कोपी.
  • नॉमिनी की केवाईसी रिसीप्ट या केवाईसी फॉर्म.
  • यदि नॉमिनी नाबालिग है तो केवाईसी रिसीप्ट या अभिभावक का केवाईसी फॉर्म.
  • नॉमिनी के नाम के साथ 1 कैंसिल चेक या बैंक स्टेटमेंट या पासबुक जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो.

मृत्यु के मामले में जीवित यूनिट धारक (धारकों) को यूनिट्स का ट्रांसमिशन

  • बचे हुए यूनिटधारकों को यूनिट्स के ट्रांसमिशन के लिए फॉर्म टी 2 (Form T2).
  • नोटरी पब्लिक या राजपत्रित (Gazetted) अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) – ओरिजिनल या फोटोकॉपी.
  • जीवित संयुक्त धारक(धारकों) (joint holder) के पैन कार्ड की कोपी
  • पहले से छपे नाम के साथ नए यूनिटधारक का केन्शल किया गया 1 चेक या बैंक स्टेटमेंट या पासबुक जो 3 महीने से अधिक पुराना नहीं है.
  • यदि KYC कम्प्लीट नहीं है तो केवाईसी रिसीप्ट या जीवित यूनिट धारक (धारकों) का केवाईसी फॉर्म.

म्युचुअल फंड योजनाओं में यूनिट्स का क्लेम करने के लिए किसी के परिवार के लिए चीजों को आसान बनाने के लिए नॉमिनेशन एक आसान प्रक्रिया है. यह क्लेम करने के लिए दावेदारो को यूनिट्स को ट्रान्सफर करने के लिए वसीयत, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र, अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से एनओसी जैसे बहुत सारे दस्तावेज देने की मुश्किल और बोझिल प्रक्रिया से बचने में मदद करता है. नॉमिनेशन यूनिट धारक की मृत्यु के बाद डीमैट खाते या बैंक खाते से त्वरित तरीके से पैसे ट्रांसफर करने का एक आसान तरीका है.

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