NAV क्या है? | म्यूचुअल फंड NAV के बारे में पुरी जानकारी

आज हम इस आर्टीकल में म्यूचुअल फंड NAV क्या है?, NAV कैसे काम करता है? और NAV के बारे में मिथ जैसी बातो के बारेमें चर्चा करेंगे. तो चलिए शुरू करते है.

म्यूचुअल फंड NAV के बारे में पुरी जानकारी

NAV क्या है? | What is NAV in Hindi

NAV फंड का एक नेट एसेट वेल्यु (net asset value) है, जिसके अनुसार निवेशक और एएमसी (AMC) दोनों ही निवेशकों की यूनिट्स की संख्या की गणना करते हैं. नेट एसेट वेल्यु (NAV) म्यूचुअल फंड की प्रत्येक यूनिट की कीमत को दर्शाता है.

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म्यूचुअल फंड NAV क्या है?

क्योंकी हमें म्युचुअल फंड किसी भी सिक्युरिटी में किए गए, किसी भी निवेश का मालिक (ownership) नहीं मिलता है. जब हम एक पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं तो राइट इश्यू, वोटिंग, बोनस, डिविडेंड आदि के मामले में हमारा कंपनी में कोई अधिकार नहीं होता है. म्यूचुअल फंड में यूनिट्स को फंड मैनेजर द्वारा बेचा और खरीदा जाता है और एक निवेशक होने के नाते हम इनके फंड मैनेजर द्वारा डिजाइन किए गए पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं.

जैसा कि पोर्टफोलियो सिक्युरीटी का एक समूह है जो डेब्ट, इक्विटी या हाइब्रिड हो सकता है. हमें हमारे द्वारा निवेश किए गए पैसो के सामने कुछ यूनिट्स मिलते हैं. NAV के संदर्भ में हर एक यूनिट्स का मूल्य होगा.

जब कोई निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश या खरीद करता है, तो उसे नेट एसेट वैल्यू या करंट एनएवी के आधार पर यूनिट्स को allote किया जाता हैं, वह यूनिट्स रीडीम करने के समय पर लागू होते है. NAV किसी अन्य वस्तु, निवेश या प्रोडक्ट की कीमत के जैसे काम करता है.

एनएवी की खरीद दर और एनएवी के के बीच का अंतर निवेशक के लोस और प्रोफिट को परिभाषित करता है. यदि खरीद दर (purchase rate) रिडेम्पशन रेट से ज्यादा है, तो निवेशक को प्रोफिट होगा और यदि बाद में कम है, तो निवेशक को नुकसान होगा.

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NAV कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड NAV में उतार-चढ़ाव नहीं होता है क्योंकि शेयरों की कीमत हर समय मूवमेंट करती रहती है, इसकी गणना बाजार के कार्य समय के समाप्ती के बाद हर दिन एक बार की जाती है और दिन के दौरान पोर्टफोलियो में शामिल शेयर की कीमत के मूवमेंट पर पूरी तरह निर्भर करती है.

प्रत्येक शेयर के आवंटित वेटेज के आधार पर, NAV की गति भी निर्भर करेगी. यदि किसी शेयर के लिए हाईएस्ट एलोकेशन 25% से अधिक आवंटन है और शेयर की कीमत बाजार समय के घंटों के दौरान किसी भी दिशा में चलती है, तो उस दिन के एनएवी पर एक जैसा प्रभाव पड़ेगा.

एक नए फंड ऑफर का एनएवी 10 से शुरू होता है, शेयर आईपीओ (IPO) के विपरीत, सभी म्यूचुअल फंड एनएफओ (NFO) एक ही स्टार्टिंग पॉइंट से रेश शुरू करते हैं और फंड मैनेजर के प्रदर्शन के आधार पर और बाजार की परिस्थिति के साथ उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली स्ट्रेटजी में NAV में हो रही बढ़ोतरी को परिभाषित (define) किया जाएगा.

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आमतौर पर same डे की एनएवी प्राप्त करने के लिए कट ऑफ टाइम दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच होता है, यदि कोई खरीदने या बेचने का ऑर्डर बादमे देता है तो उसे अगले दिन का NAV मिलेगा जो पिछले दिन की तुलना में कम या ज्यादा हो सकता है.

किसी फंड के NAV में फंड मेनेजमेंट चार्ज जैसी फीस भी शामिल होती हैं और यदि निवेशक इसे वितरक (distributor) के माध्यम से खरीदते हैं, तो इसमें उनका कमीशन भी शामिल होता है जिसे हम एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं. एनएवी के प्रतिशत के रूप में एग्जिट लोड (Exit load) भी लिया जाता है

एक रेग्युलर फंड का एनएवी एक डायरेक्ट फंड के एनएवी से ज्यादा होता है, क्योंकि यह सीधे एएमसी (AMC) द्वारा दिया जाता है.

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NAV के बारे में मिथ.

निवेशक आमतौर पर सोचते हैं कि अगर वे एनएफओ (NFO) की समय अवधि के दौरान कम एनएवी (NAV) वाले फंड में निवेश करते हैं, तो उनके पैसे बढ़ने की संभावना उस फंड में निवेश करने की तुलना में बहुत ज्यादा है जो पहले ही कुछ सालो में बढ़ चुकी है.

उदाहरण के लिए, यदि आप NFO में निवेश करते हैं तो आपको एनएवी 10 पर अलोतेड यूनिट्स मिलती हैं, जैसे कि आप किसी ऐसे फंड में निवेश करते हैं जिसे 3 साल पहले लॉन्च किया गया था, लेकिन NAV 45 है, तो आप NFO में निवेश करके ज्यादा प्रोफिट कमा सकेगे, जो कि सच नहीं है.

जब 2 फंडों के प्रदर्शन की तुलना करने की बात आती है, तो एनएवी अप्रासंगिक (irrelevant) है. आपके पैसे के बढ़ने की संभावना पूरी तरह से फंड मैनेजर के प्रदर्शन, बाजार की स्थिति और स्ट्रेटजीस और पोर्टफोलियो में सेक्युरीती की क्वोलिटी पर निर्भर करती है.

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स्कीम का नामएनएवीReopen करने की तारीख1 वर्ष3 वर्ष
एक्सिस फोकस्ड 25 फंड (जी)29.35-7-1222.90%15.85%
सुंदरम सेलेक्ट फोकस (जी)179.0524-10-0515.16%10.93%

कभी भी 2 फंडों और उनकी NAV की तुलना न करें

ऊपर दिए गए दृष्टांत में, यह बहुत स्पष्ट है कि, भले ही एक्सिस फोकस्ड का एनएवी सुंदरम सिलेक्ट फोकस एनएवी से कम है, हालांकि एक्सिस फोकस्ड 25 फंड द्वारा प्राप्त किए गए रिटर्न की तुलना में ज्यादा है. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि फंड का प्रदर्शन NAV पर नहीं बल्कि पोर्टफोलियो में शामिल सेक्युरीटी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.

NAV न केवल म्यूचुअल फंड के मूल्य का प्रतिनिधि (representative) है, बल्कि यह कई अन्य लागतों का भी संयोजन (combination) है. एनएवी में एक्सपेंस रेश्यो, डिस्ट्रीब्यूशन फीस, मेनेजमेंट फीस और फंड मैनेजर की कॉस्ट शामिल है. यह प्रति यूनिट लागत (per unit cost) है जो निवेशक यूनिट खरीदने के समय चुकाता है और इसके आधार पर पैसा रिडीम करते समय प्राप्त करता है.

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एनएवी liabilities की कटौती के बाद फंड के बाजार मूल्य का प्रतिनिधित्व (represents) करता है. कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं जिन्हें एनएवी के केलक्युलेशन में शामिल होने से पहले देखा जाना चाहिए.

फंड का नेट एसेट वैल्यू- फंड का NAV (एसेट होल्ड माइनस डेब्ट)

डेब्ट = लायबिलिटी + खर्च (उपार्जित) [Debts = Liabilities + Expenses (accrued)]

बकाया शेयरों की संख्या (Number of outstanding shares)

परिसंपत्तियों (Assets) में म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में रखे गए स्टॉक, बॉन्ड, शेयर और केश जैसी सिक्युरीटी शामिल हैं. सभी सिक्युरीटज का मूल्य बाजार मूल्य पर लिया जाता है. उपार्जित ब्याज (accrued interests) और लाभांश (Dividend) भी एसेट्स का एक हिस्सा बनते हैं.

क्लोज्ड एंडेड फंड और ETF में म्यूचुअल फंड में NAV कैसे काम करता है?

क्योंकी क्लोज्ड एंडेड फंड और ईटीएफ दोनों ही सब्सक्रिप्शन समय के बंद होने के बाद बाजार में लिस्टेड होते हैं, उनका ट्रेडिंग स्टॉक और शेयरों की तरह होता है, ईटीएफ की वेल्यु और क्लोज एंडेड फंड डिस्काउंट या प्रीमियम पर हो सकते हैं. NAV की गणना इनमें से इंट्राडे के आधार पर भी की जाती है.

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