वर्ष 2018 को छोड़कर जहां दरें बढ़ीं थी, बादमे फिक्स्ड डिपाजिट (fixed deposit) ब्याज दरें पिछले 4-5 वर्षों में नीचे की ओर जा रही हैं. भारत में प्रमुख बैंकों में अल्पकालिक (short-term) डिपाजिट के लिए दरें 3% से भी कम हो गई हैं, जिससे कई लोग इस रिस्क फ्री निवेश में निवेश करना चाहते हैं.
लेकिन फिक्स्ड डिपाजिट पर ब्याज दर इतनी तेजी से क्यों घट रहा है? बैंकिंग प्रणाली (system) में अतिरिक्त liquidity, उधार (lending) दरों में तेजी से कमी जैसे फिक्स्ड डिपाजिट ब्याज दरों में गिरावट के कुछ कारण हैं. आईए इन कारणों पर ध्यान दें और भारत में अलाऊ अलग बैंकों की लेटेस्ट FD ब्याज दरों पे एक नजर करें.
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फिक्स्ड डिपाजिट पर ब्याज कम क्यों हो रहा है?
बैंकों में फिक्स्ड डिपाजिटओं का बढ़ता फ्लो
लॉकडाउन का समय जिसे 27 मार्च से 31 मई, 2020 तक स्टेप बाय स्टेप लगाया गया था, उससे लोगोने अपनी बचत पर बहुत ध्यान दिया है और इमर्जन्सी समय के लिए बचत करने के लिए खर्च को कम करवाया है. बचत योजना के हिस्से के रूप में, लोगों ने 27 मार्च से 8 मई तक फिक्स्ड डिपाजिट में 4.4 लाख करोड़ रुपये जमा किये हैं. 2020-21 के पूरे फाइनेंसियल वर्ष लिए आर्थिक अनिश्चितता (uncertainties) जारी रहने के साथ, लोग फिक्स्ड डिपाजिट में और इन्वेस्टमेंट करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं क्योंकि वे निवेशकों को स्थिर इनकम प्रदान करके देता है. फिक्स्ड डिपाजिट की मात्रा में इस तरह की वृद्धि ने बैंकों को इस प्रोडक्ट पर ब्याज दरो में कमी करने के लिए मजबूर किया है.
बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त लिक्विडिटी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लगभग 50,000 करोड़ रुपये के एक नए लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) की शुरुआत करने जैसे विभिन्न लिक्विडिटी उपायों की शुरुआत की है. लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (एलसीआर) बैंकिंग प्रणाली में liquidity का पता लगाने का एक प्रमुख उपाय है. आरबीआई चाहता है कि बैंक कम से कम 80% एलसीआर (LCR) बनाए रखें. एलटीआरओ की सफलता और कई एमएसएमई (MSME) को उधार देने के लिए बैंकों की अनिच्छा का मतलब है कि उनका एलसीआर 120% तक बढ़ गया है. 3 जुलाई, 2020 को आई आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों को 138.6 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि पर बैठे हुए पाया गया था और उन्होंने 102.40 लाख करोड़ रुपये तक के लोन दिए थे.
इसका मतलब यह हुआ कि बैंकों के पास भारी मात्रा में कॅश है लेकिन वे पर्याप्त रूप से उधार नहीं चुका रहे हैं. इसके अलावा, कई निजी (Private) बैंकों ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) जारी करके या तो बाजार से नए केपीटल को इकठ्ठा किया है या करने जा रहे हैं. अतिरिक्त लिक्विडिटी के कारण बेंके फिक्स्ड डिपाजिट दरों में कटौती करती है ताकि वे पर्याप्त कॅश बैलेंस को बनाए रख सकें.
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उधार दरों (Lending Rates) में हो रही तेजी से कमी
अब तक इस साल बैंकों की Lending rates में भारी गिरावट आई है. हाई क्रेडिट स्कोर वाले किसी व्यक्ति के लिए होम लोन की ब्याज दरें 7% से भी कम हो गई हैं. कुल मिलाकर, होम लोन की दर अब 7% -8% प्रति वर्ष के बीच है. यहां तक कि कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में भी कमी आई है. लेन्डिंग रेट में तेज गिरावट का रेपो रेट में 115 बेसिस पॉइंट की गिरावट के साथ बहुत कुछ करना है, जिस दर पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों (commercial banks) को इस वर्ष अब तक उधार देता है. (100 आधार अंक = 1%)
क्योंकी बैंकों की फ्लोटिंग ब्याज दर बेंचमार्क अब रेपो रेट से जुड़ी हुई है, इसलिए फ्लोटिंग लोन जैसे होम लोन और कार लोन की दरों में अब तक 1.15% की गिरावट आई है. उधार दरों (lending rates) में इस तरह की कमी के साथ, लोन्स और डिपाजिट के बीच ब्याज दर का अंतर कम होता जा रहा है और बैंकों का मार्जिन भी कम होता जा रहा है यह सुनिश्चित करने के लिए कि अंतर यथोचित रूप से अधिक बना रहे, बैंक अपनी डिपोजिट की दरों में कटौती कर रहे हैं ताकि वे उधारकर्ताओं (borrowers) को उधार दर (lending rate) में कटौती के लाभों को एक समान अनुपात में संचारित कर सकें.
अभी फिक्स्ड डिपाजिट का ब्याज दर क्या है?
फिक्स्ड डिपाजिट ब्याज दरें (fixed deposit interest rates) औसतन लगभग 2.90% -6.50% प्रति वर्ष तक गिर गई हैं. ब्याज दर का निर्धारण जमा राशि और उस अवधि पर निर्भर करता है जिसके लिए आप फिक्स्ड डिपाजिट खाते में पैसा रखना चाहते हैं. हालाँकि, यह एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग अलग हो सकता है. फिक्स्ड डिपाजिट कम से कम 7 दिनों से लेकर 10 वर्षों तक चल सकता है. आइए विभिन्न बैंकों की फिक्स्ड डिपाजिट ब्याज दरों के बारेमे जानने के लिए नीचे दी गई टेबल को देखें.
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Fixed deposit interest rates Hindi
बैंक | एफडी ब्याज दरें (प्रति वर्ष) | न्यूनतम आवश्यक जमा राशि |
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) | 2.90% – 6.20% | 1,000 |
एचडीएफसी बैंक | 2.50% – 6.25% | 5,000 |
आईसीआईसीआई बैंक | 2.50% – 6.30% | 10,000 |
एक्सिस बैंक | 2.50% – 6.50% | 5,000 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 2.90% – 6.30% | 1,000 – 5,000 |
कोटक महिंद्रा बैंक | 2.50% – 4.90% | 5,000 |
येस बैंक | 3.25% – 7.25% | 10,000 |
जैसे-जैसे ब्याज दरो में गिरावट आ रही हैं, क्या आप फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगाएंगे?
यह ज्यादातर आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करेगा और उस समय के लिए जब आप उसमे निवेशित रहना चाहते हैं या नहीं. यदि आप जोखिम से बचने वाले निवेशक हैं और शोर्ट टर्म के लिए पैसे को जमा करना चाहते हैं, तो एक फिक्स्ड डिपाजिट आपसे अपील कर सकता है, बशर्ते कि आप इसमें निवेश की गई मूल राशि (principal amount) के बारे में आश्वस्त (assured) हों.
इसके अलावा, फिक्स्ड डिपाजिट की बुकिंग के समय ब्याज की दर मेच्योरीटी तक समान रहेगी जब तक कि आप कोई समय से पहले कोई विद्रोवल नहीं करते हैं, जिससे 1% -2% ब्याज का जुर्माना (interest penalty) लग सकता है. यहां तक कि जो लोग हाई इन्वेस्टमेंट रिस्क उठा सकते हैं, उन्हें COVID-19 महामारी के कारण होने वाली परेशानीयो के कारण अर्थव्यवस्था में हुई व्याप्त अनिश्चितता (uncertainty) को देखते हुए फिक्स्ड डिपाजिट के लिए कुछ निर्धारित करना चाहिए.
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आप फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट कैसे खोल सकते हैं?
आप इसे ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी खोल सकते हैं. यदि आप बैंक के मौजूदा ग्राहक (existing customer) हैं और इसे ऑनलाइन ओपन करना चाहते हैं, तो नेट बैंकिंग में लॉग इन करें और ऑनलाइन फिक्स्ड डिपाजिट खाता खोलें. जमा की गई राशि और निवेश की समय अवधि उन पर प्रचलित (prevailing) ब्याज दर की जाँच करने के बाद सेलेक्ट करे. एक बार ऐसा करने के बाद, अपनी रिक्वेस्ट सबमिट करें. सबमिट होने के बार आपका फिक्स्ड डिपाजिट खाता तुरंत बनाया जाएगा और बहुत जल्द, आपको फिक्स्ड डिपाजिट करने की सलाह दी जायेगी.
आप जिस बेंक में फिक्स्ड डिपाजिट करना चाहते है उस बैंक की निकटतम शाखा में भी जा सकते हैं यदि आप एक नए ग्राहक हैं, तो आपको अपनी पहचान (identity) और एड्रेस प्रूफ को जमा करने होंगे और उसके साथ एक चेक देना होगा, जिसमें वह राशि होनी चाहिए जिसके साथ आप एक फिक्स्ड डिपाजिट खाता खोलना चाहते हैं.
फिक्स्ड डिपाजिट का एप्लीकेशन फॉर्म को भरें और चेक सहित सभी दस्तावेज संबंधित बैंक अधिकारी को जमा करवा दें. एक बार चेक सफलतापूर्वक मिल जाने के बाद, आपको फिक्स्ड डिपाजिट खाता खोलने के संबंध में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक सूचना प्राप्त होगी.
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