अपनी पढ़ाई ख़तम करने के बाद नौकरी पाना हर किसी का सपना होता है. हर कोई आत्म निर्भर बनना चाहता है. आप अपनी पहली नौकरी की सेलेरी का क्या करेंगे? आप अपनी सेलेरी का ज्यादा लाभ कैसे उठाएंगे? हमें बेस्ट पर्सनल फाइनेंस टिप्स कहाँ से मिलेगी? आपको अपने financial knowledge में सुधार करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है, अवॉयड की जाने वाली फाइनेंसियल गलतियों से बचते हुए financial सफलता की तैयारी कैसे करें, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने लंबी और कम समय अवधि में प्राप्त करने वाले लक्ष्यों के लिए सही रास्ते पर हैं या नहीं?
पहली नौकरी पाने के बाद हर व्यक्ति बहुत उत्साहित होता है लेकिन कुछ ऐसे पॉइंट हैं जिन्हें अपने personal finance को मैनेज करने के लिए ध्यान में रखने की जरूरत है.
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10 बेस्ट पर्सनल फाइनेंस टिप्स
निवेश करना शुरू करें (Start Investing):
आपके पास छोटे, मध्यम और लंबी समय अवधि के कई लक्ष्य हो सकते हैं. शोर्ट टर्म के लक्ष्य (goals) में अपनी बाइक/कार खरीदना, मध्यम अवधि में अपनी शादी के लिए बचत करना/अपनी स्टूडेंट लोन को चुकाना और लंबी अवधि (long term) में अपनी retirement के लिए बचत करना हो सकता है. ये सिर्फ उदाहरण हैं और आप अपने लक्ष्यों को लिस्ट सकते हैं. जांचें कि क्या आपका employer पेंशन प्लान इसको को सपोर्ट करता है. पीपीएफ में निवेश करना सबसे अच्छा और आसान है. पीपीएफ भी एक लंबी समय अवधि का इन्वेस्टमेंट है और आपकी भविष्य की financial planning करने में आपकी मदद करता है.
आपातकालीन स्थिती के लिए कॅश (Emergency Cash):
क्युकी आपने जब पैसा कमाना शुरू कर दिया है, अब आप अपने परिवार या दोस्तों से उधार लेना नहीं चाहते हैं. अगर आप बीमार हो जाते हैं, सेलेरी देर से मिलती है या आपको तत्काल यात्रा भी करनी पड़ती है. इसलिए आप इमरजेंसी स्थिति के लिए बचत करना शुरू करें. फिक्स डिपाजिट या बचत खाते में हर महीने थोड़ी थोड़ी राशि जमा करना शुरू करें, जो किसी इमरजेंसी स्थिति में आपको आसानी से मिल सके.
आपके क्रेडिट कार्ड एक्स्सेस और सपोर्ट सिस्टम के आधार पर आपको एक emergency fund रखने का प्रयास करना चाहिए जो तीन से छह महीनों के खर्च के बराबर हो. इमरजेंसी केश की बचत वह है जिसे आम तौर पर लोग financial planning के दौरान अनदेखा करते हैं.
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स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) लेना:
ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को paid या मुफ्त गृप इन्स्योरंस प्रदान करती हैं. क्योंकी employers इन हेल्थ इन्स्योरंस कंपनियों के बड़े ग्राहक हैं, इसलिए क्लेम का निपटारा करना भी आसान होता है. इसके अलावा, यदि आपके माता-पिता के पास स्वास्थ्य बीमा कवरेज (health insurance coverage) नहीं है तो उनको भी इसमे शामिल करें . ज्यादातर मामलों में, एम्प्लोयर का बीमा सस्ता होता है और बहुत ज्यादा complications / exclusions के बिना सब कुछ कवर करता है. आप अपने वेतन के आधार पर स्वास्थ्य बीमा का पैकेज चुन सकते हैं. इसमे अतिरिक्त लाभ यह है कि आप अपने और अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इन्स्योरंस में contributions पर सेविंग कर सकते हैं.
टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance) खरीदे :
कम उम्र में जीवन बीमा (life insurance) का प्रीमियम सस्ता होता है. जीवन बीमा खरीदना भी आसान है क्योंकि जनरली आप पर कम उम्र के स्वस्थ व्यक्ती होंगे. यदि आपके ऊपर कोई dependents हैं या लोन चल रही है तब आपको term insurance की जरूरत पड़ती है. यह टैक्स की सेविंग करने में भी मदद करता है.
अपने आप पर निवेश करें (Invest in Yourself):
आपकी शिक्षा और कौशल एक मूल्यवान संपत्ति है. पैसे का निवेश अपने कौशल को उपडेट रखने के लिए करें. स्कील और सर्टिफिकेशन के लिए पेमेन्ट करने में संकोच न करें जो आपके करियर आगे बढाने में आपकी सहायता कर सकते हैं. कई बार यह निवेश आपको वापस मिल जाता हैं.
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खर्च=बचत-आय को सीखे (Learn Expenses= Savings – Income):
ज्यादातर लोगों का मानना है कि खर्च= इनकम-बचत, यानी कोई savings plan नहीं है. आपको इस दृष्टिकोण को समज ने की जरूरत है और पहले अपना investments (बचत) करें और जो बचा है उसके साथ अपने खर्च का मेनेजमेंट करें. आपको आश्चर्य होगा कि ज्यादातर मामलों में आप इसे संभाल सकते हैं. यदि आपको निवेश करने में परेशानी हो रही है, तो प्रक्रिया को ऑटोमेट करें यानी की यूलिप (ULIP) शुरू करें या नियमित जमा (regular deposit) में निवेश करें. आपकी राशि औटोमेटीकली आपके दिए गए बैंक खाते से काट ली जाएगी और आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि आप अपने जीवन के स्तर को प्रभावित किए बिना अपने खर्चों को मेनेज करना जारी रख सकते हैं.
अपने बजट के सामने आपके अपेक्षित टेक-होम पे:
एक व्यक्ति को कंपनी सीटीसी (Cost to Company) पर काम पर रखती है. सीटीसी हाथ में आने वाली सेलेरी से बहुत अलग होती है. व्यक्ति को सबसे पहले यह पता लगाना होगा कि सीटीसी में सभी डिडक्शन के बाद उसकी सेलेरी क्या होगी.
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व्यक्तिगत बैलेंस शीट बनाए रखें (Maintain a personal balance sheet):
बैलेंस शीट एक स्टेटमेंट है जिसमें आप अपनी देनदारियों (liabilities) और संपत्ति (assets) को लिख सकते हैं. personal रिकॉर्ड के साथ आप जान सकते हैं कि आपके पास क्या है और आपको क्या चाहिए! यह आपके finances को अगले स्तर तक ले जाने का एक शक्तिशाली टूल है.
अपने टैक्सेज की योजना बनाएं (Plan your Taxes):
शुरुआती वर्षों में, लोग taxes के बारे में लापरवाह होते हैं. टैक्स प्लानिंग जल्दी शुरू करना आपके लिए मददगार होगा. Tax बचत को सभी निवेश की स्कीमो के साथ-साथ चलाना चाहिए. इसके अलावा, कई कंपनियां फ्लेक्सीबल कम्पनशेशन स्ट्रक्चर प्रदान करती हैं. serious home को बनाए रखते हुए अधिकतम टैक्स बचाने के लिए अपने क्म्पोनंत को मेच करें.
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