बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड जिसे हाइब्रिड फंड के रूप में भी जाना जाता है, इक्विटी और debt फंड दोनों का एक संयोजन (combination) है.
बैलेंस्ड फंड उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अपने पोर्टफोलियो में एक अच्छा विविधीकरण (diversification) ऐड करने का प्लान कर रहे हैं.
म्युचुअल फंड लॉन्ग टर्म के निवेश करने के साधन के रूप में विशेष रूप से पिछले दशक से बहुत लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं. म्यूचुअल फंड की सबसे आकर्षक विशेषता यह है कि यह विभिन्न प्रकार के फंड प्रदान करते है, और निवेशक अपने फाइनेंसियल उद्देश्यों (objectives) के आधार पर उनमें से किसी को भी चुन सकते हैं.
हाइब्रिड या बैलेंस्ड फंड म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है जिसमें आपका निवेश संपत्ति (assets) के संग्रह में होता है. बैलेंस्ड फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट दोनों में निवेश करके निवेशकों को ज्यादा डायवर्सिफिकेशन और सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करते हैं. भारत में बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड के बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टीकल को पढ़ें.
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बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड क्या हैं? | Balanced Mutual Funds in India
बैलेंस्ड फंड, जिसे हाइब्रिड फंड के रूप में भी जाना जाता है, इक्विटी और debt फंड दोनों का एक संयोजन (combination) है. सरल शब्दों में कहे तो, यह इक्विटी और debt इंस्ट्रूमेंट्स के मिश्रण में निवेश करता है. प्योर इक्विटी फंड की तुलना में, इन फंडों में अपेक्षा से कम जोखिम होता है.
निवेशक उच्च स्तर पर खरीदारी करते हैं और वे कम पर बेचते हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है. वे अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में बैलेंस्ड फंड जोड़कर ज्यादा डायवर्सिफिकेशन प्राप्त कर सकते हैं. आप अपने निवेश उद्देश्य और जोखिम वरीयताओं (preferences) के आधार पर एक बेलेन्स्ड फंड को पसंद कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश कर रहे निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसका लगभग 65% -75% हिस्सा इक्विटी में निवेश होता है, और बाकी corpus को debt इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है.
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बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड के प्रकार
हाइब्रिड फंड अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश योजनाएं हैं और सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करते हैं. एसेट एलोकेशन के आधार पर बैलेंस्ड फंड्स को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है. बैलेंस्ड फंड के विभिन्न प्रकार नीचे दिए गए हैं:
- Debt ओरिएंटेड बैलेंस्ड म्युचुअल फंड
- इक्विटी ओरिएंटेड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
- बैलेंस्ड फंड
- मासिक इनकम प्लान (Monthly income plans)
- आर्बिट्राज फंड
बैलेंस्ड फंड की विशेषताएं
लंबे समय में पैसे प्राप्त करना और शोर्ट टर्म में रिटर्न जनरेट करना बैलेंस्ड फंड में निवेश का मुख्य उद्देश्य है. ऐसे फंडों की प्रमुख विशेषता विविधीकरण (Diversification) है, और फंड मैनेजर इक्विटी में निवेश करके और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में सर्पस आवंटित करके स्थिर रिटर्न के लिए केपीटल appreciation प्राप्त करने के लिए आपके निवेश में विविधता लाते हैं. वे इसका लाभ उठाने के लिए बाजार की गतिविधियों के आधार पर प्रतिभूतियों (securities) को खरीदते या बेचते हैं. यहां बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड की बेहतरीन विशेषताएं दी गई हैं.
टैक्सेशन (Taxation): इक्विटी म्यूचुअल फंड तभी taxation के पात्र होते हैं, जब इसका कम से कम 65% शेयरों में निवेश होता है. बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में इक्विटी या debt में 40-60% निवेश करना जरूरी होता है और अगर यह 65% से कम है तो इसे टैक्सेशन के लिए debt स्कीम माना जाता है.
इन फंडों से पूंजीगत लाभ (capital gains) की गणना फंड ओरिएंटेशन के आधार पर अलग से की जाती है. इक्विटी-ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड्स पर इक्विटी फंड्स की तरह टैक्स लगाया जाता है, जबकि, ऐसे फंड्स के debt कंपोनेंट पर debt फंड्स के टैक्सेशन के समान टैक्स लगाया जाता है.
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एक वर्ष से अधिक समय तक अपने निवेश को रखने के बाद आपने जो पूंजीगत लाभ (capital gains) अर्जित किया है, उसे लॉन्ग टर्म केपीटल गेन के रूप में माना जाता है और 10% की दर से टैक्स लगाया जाता है यदि यह बिना किसी अनुक्रमण (indexation) लाभ के 1 लाख से अधिक है. बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर इसके इक्विटी कंपोनेंट पर 15% की दर से टैक्स लगता है.
एक balanced फंड के debt घटक से long-term capital gains पर इंडेक्सेशन के लाभ के बिना 10% की दर से और इंडेक्सेशन के बाद 20% की दर से कर लगाया जाता है, जबकि इसके debt घटक से शोर्ट टर्म केपीटल गेन को कुल इनकम में जोड़ा जाता है निवेशक और टैक्स का आयकर स्लैब के अनुसार लगाया जाता है.
विविधीकरण (Diversification): विविधीकरण बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड की सबसे आकर्षक विशेषता मे से एक है. जैसा कि ऊपर कहा गया है, ये फंड इक्विटी और debt फंड दोनों का मिश्रण हैं जो निवेशकों को सुनिश्चित रिटर्न देते हैं. निवेश को फैलाकर, प्योर इक्विटी फंड में निवेश की तुलना में बैलेंस्ड फंड कम जोखिम उठाते हैं. बैलेंस्ड फंड का debt घटक स्थिरता (stability) और पूंजी वृद्धि (capital appreciation) दोनों प्रदान करता है.
पुनर्संतुलन (Rebalancing): एक निवेशक इस कोष को इक्विटी और debt दोनों वर्गों में निवेश करने के बारे में भ्रमित हो सकता है. लेकिन बैलेंस्ड फंड्स में, एक कुशल फंड मैनेजर फंड के इक्विटी आवंटन (allocation) को सर्वोत्तम स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से फंड का पुनर्संतुलन करता है. वह इसे उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद बनाने के लिए इक्विटी को 65% या उससे अधिक पर आवंटित करने का प्रयास करता है.
बैलेंस्ड फंड उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अपने पोर्टफोलियो में एक अच्छा विविधीकरण (diversification) जोड़ने का प्लान बना रहे हैं. चूंकि बैलेंस्ड फंड इक्विटी और debt दोनों वर्गों के बीच अपने कोष का आवंटन करते हैं, ये एक सुरक्षित शर्त है जो इक सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करती है. परिसंपत्ति आवंटन (Asset allocation), पोर्टफोलियो विविधीकरण, और कुशल जोखिम प्रबंधन (efficient risk management) ऐसे प्रमुख कारक हैं जो निवेशकों को बैलेंस्ड फण्ड के लिए अपील करते हैं.
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